Real, genuine devotion done with a pure heart alone, pleases Swami. He expects our 100 % mental presence during Upasana. Also, undue attachment to materialistic possessions repels Him. This chapter elaborates on the above views, universally shared by all Saints.
Chapter – 7
।। मनाचे श्लोक : क्र. २ ।।
स्वामी लीला : - गणपतराव जोशी ,
"हा घे तुझा मुकटा"
'Audiopothi'
संदर्भ सूची – Reference Listअध्याय – ७ , Chapter – 7
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क्रमांकSr No |
संदर्भReference |
स्रोत – प्रकाशकSource – Publisher |
1 | मनाचे श्लोक |
सार्थ मनाचे श्लोक प्रा. के. वि. बेलसरे श्रीसमर्थ सेवा मंडळ, सज्जनगड, सातारा ४१५ ०१३
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मनाच्या श्लोकातून मनःशांती सुनील चिंचोलकर मोरया प्रकाशन, पुणे ४११ ०३८
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आरोग्यासाठी मनाचे श्लोक, एक नवीन विचार डॉ. सौ. विद्या जोशी मनोरमा प्रकाशन, मुंबई ४०० ०१४
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मनाचे श्लोक – एक सहज अभ्यास राघवदास सौ. भाग्यश्री गुमास्ते, पुणे, ४११ ०२७
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2 |
स्वामीलीला : – ‘ गणपतराव जोशींची जप्त जहागीर स्वामीकृपेने सुटली ’ |
श्रीगुरुलीलामृत ब्रह्मनिष्ठ वामन रावजी वैद्य ( अध्याय – ३५, ओवी क्र. २२ – २९ ) केशव भिकाजी ढवळे, मुंबई ४०० ००४
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श्रीगुरुलीलामृत , श्रीस्वामी समर्थ चरित्र – भावानुवाद ( अध्याय– ३५ ) संजय नारायण वेंगुर्लेकर संजना पब्लिकेशन, ठाणे – पूर्व ४०० ६०३
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3 |
स्वामीलीला : – ‘हा घे तुझा मुकटा’ गणपतराव जोशी व तात्या वैद्य |
श्री स्वामी समर्थ बखर ( क्रमांक – ८० ) श्री गोपाळबुवा केळकर संपादक : रा. चिं. ढेरे अनमोल प्रकाशन, पुणे ४११ ००२
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परमअर्थाचे ३६५ दिवस (सप्टेंबर, ७ ) श्री नागेश करंबेळकर मंगलमुर्ती प्रकाशन, पुणे ४११ ०४५
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अक्कलकोटनिवासी श्रीस्वामीसमर्थ चरित्र आणि कार्य श्रीपादशास्त्री किंजवडेकर अनमोल प्रकाशन, पुणे ४११ ००२
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4 | षोडशोपचार पूजा |
स्वयंपुरोहित – वेदोक्त आणि पुराणोक्त वेदशास्त्रसंपन्न कृ. म. बापटगुरुजी श्री गजानन बुक डेपो, मुंबई ४०० ०२८
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शास्त्र असे सांगते ! पूर्वार्ध पृष्ठ क्रमांक – ७१, ७२ वेदवाणी प्रकाशन, कोल्हापूर ४१६ ०१२
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5 | रांगोळीमहाराज |
सकल संत चरित्र ग्रंथ गाथा … १९९८ पृष्ठ क्रमांक– ४३३, १०३५ प्रा. सौ. नम्रता भट स्वप्निल प्रकाशन, मुंबई ४०० ०४२
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6 | भावपूर्ण भक्ती |
नामचिंतामणी ( नामजपाचें महत्व – भाग दुसरा ) पृष्ठ क्रमांक– २११, २१२ रामचंद्र कृष्ण कामत, चंदगडकर केशव भिकाजी ढवळे, मुंबई ४०० ००४
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7 | पसायदान |
श्री गोपाळबुवा केळकर विरचित “ श्रीकरुणास्तोत्र ” अनमोल प्रकाशन, पुणे ४११ ००२
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8 | दे भक्ती , दे विरक्ती । दे शांती , दे दांती । …. |
रचयिता – श्री गोपाळबुवा केळकर गायन व संगीत – डॉ. देवश्री साने
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Note : This spiritual site is purely meant for propagation of the divine thoughts of “Shree Swami Samartha” and “Shree Ramdas Swami”. “No Copyright Infringement Is Intended” |
संदर्भ सूची – Reference Listअध्याय – ७ , Chapter – 7 |
संदर्भ Reference |
छायाचित्र Photo |
स्त्रोत – प्रकाशक – संकेतस्थळ Source – Publisher – Website |
श्री सिद्धटेक गणपती, श्री सिद्धिविनायक |
Shree Ashtavinayaka Darshan Hemangi Rele Pratap Prakashan, Mumbai 400 004 |
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श्री हरि | संकेतस्थळ लिंक | |
श्री रामदास स्वामी | Painting by Dr Devashree Sane | |
श्री स्वामी समर्थ लीला |
श्री अनंत यशवंत रांजेकर संकलित, ” श्री स्वामी कृपामृत ” प्रा. कमलताई झिरपे – महाजन मुद्रक – चैत्र क्रिएशन अँड पब्लिसिटी, पुणे ४०० ०३० |
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श्री स्वामी समर्थ लीला |
श्री अनंत यशवंत रांजेकर संकलित, ” श्री स्वामी कृपामृत ” प्रा. कमलताई झिरपे – महाजन मुद्रक – चैत्र क्रिएशन अँड पब्लिसिटी, पुणे ४०० ०३० |
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श्री स्वामी समर्थ लीला |
श्री अनंत यशवंत रांजेकर संकलित, ” श्री स्वामी कृपामृत ” प्रा. कमलताई झिरपे – महाजन मुद्रक – चैत्र क्रिएशन अँड पब्लिसिटी, पुणे ४०० ०३० |
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श्री स्वामी समर्थ | संकेतस्थळ लिंक | |
श्री स्वामी समर्थ |
श्री दत्तावधूत विरचित, श्री स्वामी समर्थ सप्तशती श्री दत्तावधूत वनिता बुक्स, मुंबई ४०० ०१२ |
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श्री स्वामी समर्थ |
संजय नारायण वेंगुर्लेकर संजना पब्लिकेशन, ठाणे – पूर्व ४०० ६०३ |
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श्री स्वामी समर्थ | संकेतस्थळ लिंक | |
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संकेतस्थळ लिंक |
पूजा साहित्य | संकेतस्थळ लिंक | |
श्री स्वामी समर्थ |
शूर सेनानी – २०१२ संजय नारायण वेंगुर्लेकर संजना पब्लिकेशन, ठाणे – पूर्व ४०० ६०३ |
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श्री स्वामी समर्थ |
शूर सेनानी – २०१२ संजय नारायण वेंगुर्लेकर संजना पब्लिकेशन, ठाणे – पूर्व ४०० ६०३ |
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नैवेद्य | संकेतस्थळ लिंक | |
पूजा सामग्री | संकेतस्थळ लिंक | |
पाट | संकेतस्थळ लिंक | |
श्री स्वामी समर्थ | संकेतस्थळ लिंक | |
श्री स्वामी समर्थ लीला |
श्री अनंत यशवंत रांजेकर संकलित, ” श्री स्वामी कृपामृत ” प्रा. कमलताई झिरपे – महाजन मुद्रक – चैत्र क्रिएशन अँड पब्लिसिटी, पुणे ४०० ०३० |
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श्री स्वामी समर्थ |
परमअर्थाचे ३६५ दिवस श्री नागेश करंबेळकर मंगलमुर्ती प्रकाशन, पुणे ४११ ०४५ |
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श्री स्वामी समर्थ |
Rohit Bhanushali |
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श्री स्वामी समर्थ लीला |
श्री अनंत यशवंत रांजेकर संकलित, ” श्री स्वामी कृपामृत ” प्रा. कमलताई झिरपे – महाजन मुद्रक – चैत्र क्रिएशन अँड पब्लिसिटी, पुणे ४०० ०३० |
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श्री स्वामी समर्थ |
परमअर्थाचे ३६५ दिवस श्री नागेश करंबेळकर मंगलमुर्ती प्रकाशन, पुणे ४११ ०४५ |
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श्री स्वामी समर्थ |
श्री स्वामी समर्थ साधकाश्रम स्मरणिका – २०१५ |
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फुलांची आरास | संकेतस्थळ लिंक | |
रांगोळी | संकेतस्थळ लिंक | |
पूजा सामग्री | संकेतस्थळ लिंक | |
पूजा सामग्री | संकेतस्थळ लिंक | |
नैवेद्य | संकेतस्थळ लिंक | |
नैवेद्य | संकेतस्थळ लिंक | |
नैवेद्य | संकेतस्थळ लिंक | |
नैवेद्य | संकेतस्थळ लिंक | |
नैवेद्य | संकेतस्थळ लिंक | |
नैवेद्य | संकेतस्थळ लिंक | |
पूजा सामग्री | संकेतस्थळ लिंक | |
श्री स्वामी समर्थ |
नसे मी एकटी प्रा. कमल झिरपे प्रकाशिका – सौ सुवर्णा झिरपे, सौ अपर्णा झिरपे, सौ श्रुतिका झिरपे पुणे ४११ ००९ |
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Arguments | संकेतस्थळ लिंक | |
पूजा विधी | संकेतस्थळ लिंक | |
पूजा विधी | संकेतस्थळ लिंक | |
Decoration | संकेतस्थळ लिंक | |
श्री स्वामी समर्थ |
संजय नारायण वेंगुर्लेकर संजना पब्लिकेशन, ठाणे – पूर्व ४०० ६०३ |
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द्रोण | संकेतस्थळ लिंक | |
दहीभात | संकेतस्थळ लिंक | |
श्री रामदास स्वामी |
सार्थ मनाचे श्लोक प्रा. के. वि. बेलसरे श्री मारुतीबुवा रामदासी, श्रीसमर्थ सेवा मंडळ, सज्जनगड ४१५०१३ |
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श्री स्वामी समर्थ |
A Glimpse Of Divinity: Shri Swami Samarth Maharaj of Akkalkot Mukund M Hanumante Akkalkot Swami Samarth Foundation, VA USA |
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श्री रांगोळी महाराज |
श्री स्वामी समर्थ साधकाश्रम स्मरणिका – २०१४ मुंबई |
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श्री स्वामी समर्थ |
स्वामींचे अनुभव प्रा. कमल महाजन पुणे ४११ ००९ |
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श्री स्वामी समर्थ | संकेतस्थळ लिंक | |
श्री करुणास्तोत्र |
श्री गोपाळबुवा केळकरविरचित “ श्रीकरुणास्तोत्र ” अनमोल प्रकाशन, पुणे ४११ ००२ |
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श्री गोपाळबुवा केळकर |
श्री स्वामी समर्थ बखर श्री गोपाळबुवा केळकर संपादक – रा चिं ढेरे अनमोल प्रकाशन, पुणे ४११ ००२ |
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श्री स्वामी समर्थ |
श्री स्वामी समर्थ बखर श्री गोपाळबुवा केळकर संपादक – रा चिं ढेरे अनमोल प्रकाशन, पुणे ४११ ००२ |
Note : This spiritual site is purely meant for propagation of the divine thoughts of “Shree Swami Samartha” and “Shree Ramdas Swami”. “No Copyright Infringement Is Intended” |